आज आएँगे परदेशी बालम, 1
मेघा, बरसो मेरे आँगन!
चूड़ी बजेगी, खनकेगा कंगना,
नैनों का काजल बह जाएगा रंगन।
🌧️ मेघा बरसो मेरे आँगन...2.
मन का पपीहरा
गाएगा मेरे मन का पपीहरा,
प्रेम रंग में रंग जाएगा हिया।
उमड़-घुमड़ जब बरसेगा सावन,
हर धड़कन में प्रीत बरसेगा।
🌧️ मेघा बरसो मेरे आँगन...3.
रिमझिम की चाह
नीले अम्बर से झूम के आना,
लाल चुनर, गोरा अंग भिगाना।
रिमझिम फुहारों से मन हर्षाना,
सावन की मस्ती दिल में बिठाना।
🌧️ मेघा बरसो मेरे आँगन...4.
धरती की प्यास
प्यासी ये धरती तुमको बुलाए,
मोरनी-सा मुझको छम-छम नचाए।
आज आएँगे परदेशी बालम,
प्रेम की बरसात सजाए।
🌧️ मेघा बरसो मेरे आँगन...5.
मेघ-मल्हार का राग
बादल बरसेगा, चमकेगी बिजली,
पुलकित होगी मन की तितली।
गा रही कब से मेघ-मल्हार,
प्रेम से कर रही मनुहार।
🌧️ मेघा बरसो मेरे आँगन...
मधु मधुलिका
स्वरचित