राज्यभर में व्यापार बंद रहा पूरी तरह सफल, सरकार ने मानी मांगें —आज से मण्डियों में फिर से व्यापार शुरू होगा



मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद संघ ने व्यापार बंद समाप्त करने की घोषणा की

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के आह्वान पर प्रदेशभर में किया गया व्यापार बंद पूर्णतः सफल रहा। राज्य की सभी 247 मण्डियां बंद रहीं और तेल मील, दाल मील, आटा मील व मसाला उद्योगों ने एकजुट होकर बंद को पूरा समर्थन दिया। इस व्यापक समर्थन के परिणामस्वरू मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने मामले की गंभीरता को समझते हुए संघ के प्रतिनिधिमण्डल को आमंत्रित किया।


प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने किया। साथ में कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश चन्द्र अग्रवाल, तेल मिल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष मनोज मुरारका, दाल मिल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष पवन अग्रवाल, मसाला उद्योग से  विट्ठल अग्रवाल, अलवर व्यापार मण्डल अध्यक्ष  सत्यविजय गुप्ता तथा दो अन्य प्रतिनिधि शामिल रहे। वन मंत्री संजय शर्मा ने इस प्रतिनिधिमंडल को विशेष सहयोग किया।


मुख्यमंत्री आवास वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने कृषक कल्याण फीस को केवल 50 पैसे प्रति सैंकड़ा लागू करने की घोषणा की। साथ ही, अन्य उठाई गई समस्याओं के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को त्वरित निर्देश जारी किए।


मुख्यमंत्री की देर रात घोषणा के बाद राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने सामूहिकता का परिचय देते हुए व्यापार बंद समाप्त करने की घोषणा की। गुप्ता ने कहा कि “हम सभी व्यापारिक संगठनों की एकजुटता और सामूहिक प्रयासों के कारण ही सरकार से यह महत्वपूर्ण निर्णय करवाने में सफलता मिली है।” उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में भी व्यापारियों के हितों के लिए सभी इसी प्रकार संगठित रहेंगे। अब 3 जुलाई से प्रदेश की समस्त मण्डियों में व्यापार पूर्ववत सामान्य रूप से संचालित होगा।


व्यापारियों की प्रमुख मांगे : 

बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि कृषक कल्याण फ़ीस को लेकर फ़िलहाल सरकार से सहमति बन गई है. लेकिन हमारी कुछ अन्य मांगे भी हैं, जिसे लेकर हम पिछले कुछ सालों से लगातार संघर्ष कर रहे हैं. हमने मांग रखी थी कि राज्य के बाहर से आयातित कृषि जिंसों पर मंडी सेस तथा कृषक कल्याण फीस नहीं लिया जाए. चीनी पर कृषक कल्याण फीस नहीं लिया जाए. मोटे अनाज पर आड़त 2.25 प्रतिशत की जाए. इन सभी मांगों को दरकिनार कर राज्य सरकार ने किसी भी तरह के दिशा-निर्देश जारी नहीं किये हैं.


10 हजार करोड़ का कारोबार प्रभावित :

राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ ने दावा किया कि मंडियों में एक दिन की हड़ताल के चलते करीब 10,000 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ. इसके साथ ही राजस्थान की प्रमुख मंडियों में पूरी तरीके से काम बंद रहा, लेकिन गुरुवार सुबह प्रदेश की सभी मंडियों में एक बार फिर से व्यापार सुचारु रूप से शुरू हो गया है.