कठिन समय" का अर्थ होता है वो समय जब किसी के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, यानी किसी के लिए मुश्किल या संघर्षपूर्ण होता है। इसमें समस्याओं, परेशानियों, या अच्छाई की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
कठिन समय मानव की हिम्मत और हौसला टूटने का प्रतीक है।दिव्य शक्ति द्वारा समस्याएं और चुनौतियां हमारे मार्ग में फेंकी जाती हैं ताकि हमारी आंतरिक शक्ति का परीक्षण किया जा सके; हमें आध्यात्मिक रूप से विकसित होने में मदद की जा सके और जीवन का सही अर्थ खोजा जा सके। शायद हम इस बात से अवगत नहीं हैं कि हममें से प्रत्येक के भीतर आध्यात्मिक शक्ति का एक स्रोत है, जिसका उपयोग करने पर पहाड़ भी हिल सकते हैं।हमें परिस्थिति के गुण दोष के आधार पर निर्णय लेना चाहिए न की घबराकर कोई कदम उठाना चाहिए जिससे की हमारे पक्ष में होने वाली बात का भी विपरीत असर हो जाये । सबसे बड़ी बात हमें किसी भी विपरीत स्थिति में धैर्य , सहनशीलता और शांति से निर्णय लेने की आदत डालनी चाहिए अगर ऐसा हुआ तो हम अपने जीवन में अवश्य सफल होंगे ।यदि व्यक्ति को जीवन में कठिनाइयों का सामना करना है तो उसे सबसे पहले धैर्य धारण करने का गुण विकसित करना होगा। धैर्य के साथ किसी भी समस्या का आसानी से सामना किया जा सकता है। व्यक्ति के अंदर संयम भी होना चाहिए ताकि वह उचित समय की प्रतीक्षा कर सकें।स्वामी विवेकानंद एक बार काशी में यात्रा कर रहे थे। संकरी गलियों से गुजरते समय अचानक उनके पीछे कुछ बंदरों का झुंड आ गया। वे बंदरों से बचने के लिए तेज़ी से भागने लगे, परंतु बंदर पीछा करते रहे। विवेकानंद जितना तेज भागते, बंदर उतने ही उग्र होते गए। एक समय ऐसा आया जब वे बहुत थक गए और उन्हें समझ नहीं आया कि क्या करें। तभी रास्ते के किनारे खड़े एक वृद्ध व्यक्ति ने उन्हें आवाज़ लगाई, "रुको, उनका सामना करो!" विवेकानंद ने वृद्ध की बात मानी और तुरंत रुककर पीछे मुड़ गए। उन्होंने साहसपूर्वक बंदरों की ओर देखा। जैसे ही उन्होंने पलटकर बंदरों का सामना किया, सभी बंदर डरकर पीछे हट गए और धीरे-धीरे भाग गए। यह अनुभव विवेकानंद के जीवन में गहरी छाप छोड़ गया।
इस घटना ने उन्हें सिखाया कि जीवन की समस्याओं से भागने के बजाय उनका डटकर सामना करना चाहिए। डर से बचने का प्रयास हमें और कमजोर बनाता है, लेकिन साहस से सामना करने पर चुनौतियाँ अपने-आप छोटी लगने लगती हैं। यही संदेश विवेकानंद ने समाज को दिया।दूसरे व्यक्ति क्या चाहते हैं और हम उनके प्रति कैसी प्रतिक्रिया करते हैं, इस बारे में सोचकर हम स्थिति से आगे बढ़कर समाधान की ओर बढ़ने का प्रयास कर सकते हैं... सी - नियंत्रण : आप किसी और के व्यवहार को नियंत्रित नहीं कर सकते, सिवाय अपने खुद के। अपनी प्रतिक्रिया को नियंत्रित करें।जब आप मुश्किल समय से गुज़र रहे हों, तो दोस्तों और परिवार के साथ जुड़ने से तनाव कम करने, अपने मूड को बेहतर बनाने और सभी बदलावों और व्यवधानों को समझने में मदद मिल सकती है। यह महसूस करने के बजाय कि आप अपनी समस्याओं का अकेले सामना कर रहे हैं, आप दूसरों पर निर्भर होने से ताकत और लचीलापन प्राप्त कर सकते हैं।जीवन में समस्याएं बहुत से कारणों से उत्पन्न होती हैं, जिनमें सामाजिक, व्यक्तिगत, आर्थिक और शारीरिक कारण प्रमुख हैं। सामाजिक कारणों में अक्सर पारिवारिक विवाद, सामाजिक दबाव और समुदाय के साथ समन्वय की कमी शामिल होती है। ये तत्व तनाव और विवाद का कारण बन सकते हैं, जिससे जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।जीवन में सबसे कठिन कार्य खुद पर भरोसा रखना होता है। अगर आप मे खुद पर भरोसा रखने की काबिलियत है तो आप सबसे कठिन कार्य को भी आसान बना सकते है। मुश्किल वक़्त मे आपके दोस्त,रिश्तदार यहां तक कि आपके माता पिता भी आप पर भरोसा खो सकते है पर अगर आप अपनी काबिलियत जानते है,खुद पर भरोसा रखते है तो आपका जीतना तय है।दुनिया का सबसे मुश्किल काम है अपने काम से काम रखना। क्योंकि आज लोगो की प्रवित्ति ऐसे हो गई कि अपने से ज्यादा दुसरो पर ध्यान रखते है। आज लोग सिर्फ ऐसे ही सोंचते है कि वो ऐसा कर रहा है, उसको ऐसा करना चाहिए। वो ऐसा करेगा तो ऐसा होगा।जीवन में समस्याएं बहुत से कारणों से उत्पन्न होती हैं, जिनमें सामाजिक, व्यक्तिगत, आर्थिक और शारीरिक कारण प्रमुख हैं। सामाजिक कारणों में अक्सर पारिवारिक विवाद, सामाजिक दबाव और समुदाय के साथ समन्वय की कमी शामिल होती है। ये तत्व तनाव और विवाद का कारण बन सकते हैं, जिससे जीवन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।जीवन का असली अर्थ या हमारी जिंदगी का मतलब बहुत संवेदनशील एवं व्यक्तिगत होता है और यह व्यक्ति से व्यक्ति तक भिन्न होता है। अधिकांश लोग जीवन में खुशियों, सफलताओं, धन और स्थान की खोज में लगे रहते हैं। वे सोचते हैं कि ये सब उन्हें जीवन में सफल बनाने में मदद करेंगे।हमें परिस्थिति के गुण दोष के आधार पर निर्णय लेना चाहिए न की घबराकर कोई कदम उठाना चाहिए जिससे की हमारे पक्ष में होने वाली बात का भी विपरीत असर हो जाये । सबसे बड़ी बात हमें किसी भी विपरीत स्थिति में धैर्य , सहनशीलता और शांति से निर्णय लेने की आदत डालनी चाहिए अगर ऐसा हुआ तो हम अपने जीवन में अवश्य सफल होंगे ।चुनौतियों पर काबू पाने के लिए दृढ़ता एक बहुत बड़ी कुंजी है । हार मानने का मतलब है कि आप न तो चुनौती पर काबू पा सकेंगे और न ही उससे कुछ सीख सकेंगे। चुनौतियों का सामना करने के लिए समर्थन मांगें, अपनी भावनाओं को महसूस करें और इससे निपटने के लिए योजना बनाएं।कठिन समय में रनिंग, वॉकिंग, योगा क्लास, एक्सरसाइज दिमाग को रिलैक्स करने में मदद करते हैं और आपको तनाव मुक्त भी रखते हैं. रीडिंग हैबिट: अगर आप रोजाना कोई बुक, नॉवेल या स्टोरी पढ़ते हैं तो यह आपको तनाव से दूर ले जाता है. दिन में कुछ वक्त पढ़ने से माइंड टेंशन और स्ट्रेस से बचता है और वह काफी तेज तरीके से काम करता है.।चुनौतियाँ काम, रिश्तों, परिवार, स्वास्थ्य, वित्त या यहाँ तक कि शोक से संबंधित हो सकती हैं। चाहे आप किसी भी चुनौती से गुज़र रहे हों, हमेशा उम्मीद बनी रहती है। कभी-कभी आप अपने चरित्र को निखारने के लिए चुनौतियों का सामना करते हैं। अगर आप जीवन में किसी भी चुनौती या समस्या से नहीं गुज़रते हैं तो आप आगे नहीं बढ़ पाएँगे।कठिनाइयों का सामना करने के लिए, पहले हमें स्थिति को समझने की आवश्यकता होती है। हमें समस्या के कारणों का पता लगाने और उन्हें समाधान करने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। साथ ही, हमें अपने आसपास के संसाधनों का सही तरीके से उपयोग करना और सहायता मांगने में कोई शरम नहीं होनी चाहिए।
लेखिका- ऊषा शुक्ला
इफ़को आँवला बरेली यूपी