संसार में युद्ध समाप्त होने चाहिए-डॉ.पूजा
निरंतर नौ दिन किया गया जिसमें ' दुर्गा सप्तशती' के आधार पर विषय रखकर देवी की आराधना कविता,कथा, गीत पर आधारित की गई एवं दशहरा से संबंधित कव्य पाठ आभासी कार्यक्रम रखा गया।डॉ.पूजा भारद्वाज, गाजियाबाद, लम्हे जिंदगी की संस्थापक,ने अपना मंतव्य देते हुए आगे कहा- मां,मां होती है ,छोटी,मोटी,काली गोरी नहीं होती।
आ .प्राणेंद्र नाथ मिश्रा,उपाध्यक्ष लम्हे जिंदगी,कोलकाता से ,उन्होंने कहा-मां शक्ति रुप में सभी में निवास करती हैं।
डॉ.हिमांशु शेखर ने कहा-ईश्वर हर समय हर जगह रहते हैं।
डॉ.रश्मि चौबे, गाजियाबाद , अध्यक्ष उत्तर प्रदेश ने कहा-ये त्योहार नारी के प्रति सम्मान और प्रकृति, पर्यावरण से जोड़ता है।
श्रीमती सरोजनी चौधरी ने कहा, श्रीराम और श्रीकृष्ण ने भी मां की आराधना की है।
डॉ विनय कुमार ने बचपन में इलाहाबाद में देवी वंदना को याद किया।
आ.भूदत शर्मा जी ,श्रीमती रामा त्यागी, सुकृति श्रीवास्तव, डॉ.अवधेश तिवारी, श्रीमती रजनी वाला ,श्रीमती दीपा शर्मा ,श्री महेश चंद्र शर्मा, श्रीमती कामिनी मिश्रा, श्रीमती रजनी शर्मा , सोनिया सरीन,श्री हरीश जी, मीरा श्रीवास्तव,स्मृति श्रीवास्तव,सी ए.शालिनी अग्रवाल ,बबली सिन्हि वान्या ,अर्चना झा ,आदि अन्य अनेक विद्वानों ने कविता,कथा, गीत आदि के माध्यम से आराधना की।
कार्यक्रमों का उत्तम संचालन डॉ पूजा भारद्वाज ,सोनिया सरीन ,डॉ रश्मि चौबे, गाजियाबाद, श्रीमती कामिनी मिश्रा ,श्रीमती अर्चना शर्मा, श्रीमती प्रतिभा गुप्ता, श्रीमती शैली, श्रीमती पूजा श्रीवास्तव , श्रीमती नेहा शर्मा ने किया कार्यक्रम में अन्य अनेक आने गणमान्य उपस्थित रहे।